राज्य के सभी तालुका और गाँवों में लागू होगा ‘फार्मर कप’ – मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस


राज्य के सभी तालुका और गाँवों में लागू होगा ‘फार्मर कप’ – मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
15 हजार किसान उत्पादक समूह बनाने का लक्ष्य
मुंबई, 5 सितम्बर
किसानों की आय बढ़ाने और खेती को सामूहिक रूप देने के उद्देश्य से राज्य सरकार और पानी फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से ‘फार्मर कप’ पहल अब राज्य के हर तालुका और गाँव में लागू की जाएगी।
इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2026-27 तक 15 हजार किसान उत्पादक संगठन (FPOs) बनाने का लक्ष्य रखा गया है। यह जानकारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती में नई तकनीक का उपयोग, उपज को सही बाजार उपलब्ध कराना, उत्पादन बढ़ाना और किसानों का जीवनस्तर ऊँचा उठाना – इन सबके लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है।
23 मार्च 2025 को पानी फाउंडेशन के वार्षिक कार्यक्रम में “सत्यमेव जयते फार्मर कप” की घोषणा की गई थी। अब इस पहल को सरकार के प्रत्यक्ष सहयोग से बड़े पैमाने पर लागू किया जाएगा।
महिलाओं को भी मिलेगा सशक्तिकरण
पानी फाउंडेशन ने 2021 से अब तक 50 हजार से अधिक किसानों को समूहों में संगठित किया है। इनमें से लगभग आधे समूह महिला किसानों के हैं।
इस तरह यह योजना महिला सशक्तिकरण का एक महत्वपूर्ण मंच भी बन गई है। फिलहाल यह पहल 46 तालुका में चलाई जा रही है और इससे किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
आमिर खान का बयान
“राज्य सरकार की साझेदारी से पानी फाउंडेशन को हर किसान तक पहुँचने का अवसर मिलेगा। ज्ञान, प्रशिक्षण और सामूहिकीकरण के जरिए हम किसानों की आय और उत्पादकता बढ़ाने के लिए काम करेंगे।
‘फार्मर कप’ को जनआंदोलन बनाकर किसानों की आजीविका सुधारने के लिए लगातार प्रयासरत रहेंगे,” ऐसा पानी फाउंडेशन के संस्थापक आमिर खान ने कहा।
उच्चस्तरीय समिति का गठन
‘फार्मर कप’ की प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कृषि विभाग के प्रधान सचिव विकास चंद्र रस्तोगी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति बनाई गई है।
इस समिति में ग्रामविकास विभाग के प्रधान सचिव एकनाथ डवले, पानी फाउंडेशन के आमिर खान, एटीई चंद्रा फाउंडेशन के अमित चंद्रा, परिमल सिंह, निलेश सागर, सत्यजित भटकल,
डॉ. शरद गडाख, विलास शिंदे, डॉ. आनंद बांग, प्रिया खान और किरण राव शामिल हैं। यह समिति तीन महीनों में अपनी पहली कार्ययोजना रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
समिति की मुख्य जिम्मेदारियाँ
हर गाँव में ‘फार्मर कप’ का विस्तार करने की योजना बनाना
किसानों को सामूहिक खेती और FPOs अपनाने के लिए आसान प्रणाली तैयार करना
आय बढ़ाने और कृषि आधारित उद्योगों में मूल्यवर्धन के लिए सहयोग देना
जलवायु अनुकूल खेती, जैविक और प्राकृतिक खेती का प्रसार
सरकारी विभागों के बीच समन्वय और स्पष्ट जिम्मेदारी तय करना
क्रियान्वयन के लिए समयबद्ध कार्यक्रम और प्रशिक्षण की व्यवस्था करना
सामूहिक खेती से होगा दोगुना लाभ
“2022 से ‘फार्मर कप’ के जरिए छोटे और महिला किसान अधिक सशक्त बने हैं। सामूहिक खेती से प्रति एकड़ लागत में लगभग 20% बचत और मुनाफे में करीब 100% वृद्धि संभव है।
राज्य का हर किसान इस अवसर का लाभ उठाकर अपनी आय और उत्पादन बढ़ा सके, इसके लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं,” ऐसा पानी फाउंडेशन के सीईओ सत्यजित भटकल ने कहा।
यह पहल न केवल खेती को मजबूती देगी बल्कि किसानों को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम .
FAQs – ‘फार्मर कप’ पहल
प्रश्न 1. ‘फार्मर कप’ क्या है?
यह किसानों को समूह बनाकर सामूहिक खेती और किसान उत्पादक संगठन (FPO) बनाने की योजना है।
प्रश्न 2. इस पहल को कौन चला रहा है?
राज्य सरकार और पानी फाउंडेशन मिलकर इसे लागू कर रहे हैं।
प्रश्न 3. ‘फार्मर कप’ का मुख्य लक्ष्य क्या है?
2026-27 तक 15 हजार किसान उत्पादक संगठन (FPOs) बनाना।
प्रश्न 4. इस पहल की घोषणा कब हुई थी?
23 मार्च 2025 को पानी फाउंडेशन के वार्षिक कार्यक्रम में घोषणा की गई थी।
प्रश्न 5. अब तक कितने किसान इसमें शामिल हुए हैं?
2021 से अब तक 50 हजार से अधिक किसान समूह जुड़े हैं।
प्रश्न 6. क्या महिला किसानों की भी भागीदारी है?
हाँ, लगभग आधे किसान समूह महिला किसानों के हैं।
प्रश्न 7. किसानों को इससे क्या फायदा होगा?
उनकी आय बढ़ेगी, खेती की लागत कम होगी और उपज का बेहतर दाम मिलेगा।
प्रश्न 8. समिति क्यों बनाई गई है?
‘फार्मर कप’ के विस्तार और प्रभावी क्रियान्वयन की योजना बनाने के लिए।
प्रश्न 9. सामूहिक खेती से किसानों को कितना लाभ होगा?
लगभग 20% लागत में बचत और 100% तक मुनाफे में बढ़ोतरी संभव है।
प्रश्न 10. इस पहल का किसानों के जीवन पर क्या असर होगा?
उनका जीवनस्तर सुधरेगा और वे अधिक आत्मनिर्भर बनेंगे।
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